Sunday 11 March 2012

कर ले किसी के प्यार की क़दर,
आज है, कल ना हो कोई खबर;

शायद फिर ना मिल सकेगा, उस से,
क्या पता रोयेगा रात भर,
रो अगर दिया,
कोई ना आएगा,
जिस दिल को दुखा रहा है,
वो कहीं चला जायेगा,
तड़पता रह जाएगा तू,
अकेलेपन में,
वो लौट के नहीं आएगा,
ज़रा गौर कर,
कर ले किसी के प्यार की क़दर,
आज है, कल ना हो कोई खबर;


ये एहसान है,
कि कोई तुझे चाहता है,
तुझे अपना हम दम बनाता है,
है तू रूठा, तो मनाता है,
तेरे अश्कों को अपनी साँसों से सुखाता है,
तेरे क़दमों के नीचे पलकें बिछाता है,
ज़्यादा कुछ नहीं चाहता,
बस देख ले तू, आँख भर,
कर ले किसी के प्यार की क़दर,
आज है, कल ना हो कोई खबर;



किया क्या तुने उसके लिए ऐसा,
खुशियों से महरूम कर दिया,
साँसों से ज़्यादा परवाह की तेरी,
तूने तपता सूरज उसके नाम कर दिया,
समझ बैठा वफ़ा
तेरी हरक़तों को,
मानकर खुदा तुझे,
खुद को अनजान कर दिया,
अजनबी बन मिला था तुझसे,
क्यों मोहब्बत कर बैठा राहबर,

सह ना पाया जुदाई तेरे साये की,
इश्क में तेरे
खुद को नीलाम कर बैठा बेसबर,

कर ले किसी के प्यार की क़दर,
आज है, कल ना हो कोई खबर;

No comments:

Post a Comment